कैसे कैसे देवता
बर्फ ओढ़े पहाड़ों में
सिकुड़ते जिस्मों ने
आग को पूजना सीखा
सेहरा की तपश में
झुलसते जिस्मों ने
चाँद को पूजना सीखा
हरियाली दूर तक जहाँ नज़र न आई
प्यासी आँखों ने ,
पानी को पूजना सीखा
सूरज, हवा,फल,फूल,पत्तियां
गाए ,घोडा ,साँप और हाथी
सभी को पूजना सीखा
सीखा न इंसान तो
अपने आप को पूजना सीखा न
सूरज, हवा,फल,फूल,पत्तियां
गाए ,घोडा ,साँप और हाथी
सभी को पूजना सीखा
सीखा न इंसान तो
अपने आप को पूजना सीखा न
ऐसे में इस मन को
पत्थर को पूजना न सिखाऊँ
तो क्या सिखाऊँ ?
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